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लेखनी कविता - तमन्नाओं से भरी मैं

।।तमन्नाओं से भरी मैं।।



तमन्नाओं से भरी मैं,
कुछ अलग करने की चाह रखती हूं,
बेख्याली में भी,
नित नए ख्याल बुनती हूं,

एक सपने के पूरा होने के पर,
अगली मंजिल की और निकलती हूं,
गिरते, थकते, चलते, थमते,
हर परिस्थिति में संभलती हूं,

जो भी हूं, जैसी भी हूं,
खुद से बहुत प्यार करती हूं,
कौन हूं मैं? इस तलाश में,
रोज़ खुद से थोड़ा मिलती हूं,

चुनौतियों से भरी जिंदगी का,
कतरा कतरा चुनती हूं,
आत्मविश्वास से भरी मैं,
हर दिन थोड़ा थोड़ा निखरती हूं।।

प्रियंका वर्मा

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5 Comments

Anjali korde

23-Jan-2025 05:58 AM

👌👌👌

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kashish

22-Jan-2025 01:19 PM

v nice

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RISHITA

20-Jan-2025 05:33 AM

👌👌👌

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